पी लूँ तेरे नीले-नीले नैनों से शबनम पी लूँ तेरे गीले-गीले होंठों की सरगम पी लूँ है पीने का मौसम तेरे संग इश्क तारी है तेरे संग इक खुमारी है तेरे संग चैन भी मुझको तेरे संग बेकरारी है... तेरे संग इश्क तारी है तेरे संग इक खुमारी है तेरे संग चैन भी मुझको तेरे संग बेकरारी है... तेरे बिन जी नहीं लगता तेरे बिन जी नहीं सकता तुझपे है हारे मैंने वारे दोजहां कुरबाँ-महरबाँ, के मैं तो कुरबाँ सुन ले सदा.... होश में रहूँ क्यूँ आज मैं तू मेरी बाहों में सिमटी है मुझमें समायी है यूँ जिस तरह तू कोई हम नदी तू मेरे सीने में छुपती है सागर तुम्हारा मैं हूँ पी लूँ तेरी धीमी-धीमी लहरों की छमछम पी लूँ तेरी सौंधी-सौंधी साँसों को हरदम पी लूँ है पीने का मौसम तेरे संग इश्क तारी है तेरे संग इक खुमारी है तेरे संग चैन भी मुझको तेरे संग बेकरारी है... तेरे संग इश्क तारी है तेरे संग इक खुमारी है तेरे संग चैन भी मुझको तेरे संग बेकरारी है... ~ संगीत ~ शाम को मिलूँ जो मैं तुझे तो बुरा सुबह न जाने क्यूँ कुछ मान जाती है ये हर लम्हां हर घड़ी हर पहर भी तेरी यादों से तङपा के मुझको जलाती है ये पी लूँ मैं धीरे-धीरे जलने का ये गम पी लूँ इन गोरे-गोरे हाथों से हमदम पी लूँ है पीने का मौसम तेरे संग इश्क तारी है तेरे संग इक खुमारी है तेरे संग चैन भी मुझको तेरे संग बेकरारी है... तेरे संग इश्क तारी है तेरे संग इक खुमारी है तेरे संग चैन भी मुझको तेरे संग बेकरारी है... तेरे बिन जी नहीं लगता तेरे बिन जी नहीं सकता तुझपे है हारे मैंने वारे दोजहां कुरबाँ-महरबाँ, के मैं तो कुरबाँ सुन ले सदा....