धागे तोड़ लाओ चांदनी से नूर के घूँघट ही बना लो रोशनी से नूर के धागे तोड़ लाओ चांदनी से नूर के घूँघट ही बना लो रोशनी से नूर के शर्म आ गयी तो आग़ोश में लो साँसों से उलझी रहें मेरी साँसे बोल न हल्के हल्के, बोल न हल्के हल्के होंठ से हल्के हल्के, बोल न हल्के बोल न हल्के हल्के, बोल न हल्के हल्के होंठ से हल्के हल्के, बोल न हल्के ~ M U S I C ~ आ नींद का सौदा करे, इक ख्वाब दे इक ख्वाब ले इक ख्वाब तो आँखों में है, इक चाँद के तकिये तले कितने दिनों से ये आसमान भी सोया नहीं है, इसको सुला दे बोल न हल्के हल्के, बोल न हल्के हल्के होंठ से हल्के हल्के, बोल न हल्के बोल न हल्के हल्के, बोल न हल्के हल्के होंठ से हल्के हल्के, बोल न हल्के उम्रे लगी कहते हुए, दो लफ़्ज़ थे इक बात थी वो इक दिन सौ साल का, सौ साल की वो रात थी कैसा लगे जो चुप चाप दोनों हो पल पल में पूरी सदियाँ बिता दे बोल न हल्के हल्के, बोल न हल्के हल्के होंठ से हल्के हल्के ~ धागे तोड़ लाओ चांदनी से नूर के घूँघट ही बना लो रोशनी से नूर के शर्म आ गयी तो आग़ोश में लो साँसों से उलझी रहें मेरी साँसे बोल न हल्के हल्के, बोल न हल्के हल्के होंठ से हल्के हल्के, बोल न हल्के बोल न हल्के हल्के, बोल न हल्के हल्के होंठ से हल्के हल्के, बोल न हल्के